किसी द्रव से भरे एक बीकर के तल पर एक लघु सिक्का रखा गया है। चित्र के अनुसार एक प्रकाश किरण सिक्के से आरम्भ होकर द्रव के ऊपरी तल तक पहुँच कर तल के समांतर चलती है।
इस द्रव में प्रकाश चलन का वेग कितना होगा?
[2007]
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चित्र से, कर्ण $=5 cm$.
$ \therefore \sin i =\frac{3}{5}$
$\because \frac{1}{\mu}=\frac{\sin i}{\sin 90^{\circ}}$
$\therefore \mu=\frac{1}{\sin i}=\frac{5}{3} $
अतः द्रव में प्रकाश का वेग,
$ v =\frac{ c }{\mu}=\frac{3 \times 10^8}{5 / 3}=\frac{3 \times 3 \times 10^8}{5} m / s$
$=1.8 \times 10^8 m / s $
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एक प्रकाशदीप्त वस्तु उत्तल लेंस से $f =20$ सेमी दूरी पर रखी है। लेंस के दूसरी तरफ एक 10 सेमी वक्रता त्रिज्या का उत्तल दर्पण रखा है। बताओ इसकी दूरी लेंस से क्या होगी कि प्रतिबिम्ब वस्तु की जगह पर हीं बने
लाल तथा हरी किरणों से बना हुआ एक प्रकाश पुँज आयताकार काँच की पट्टिका के पृष्ठ पर स्थित एक बिन्दु पर त्रिर्यक रूप से आपतित होता है। जब प्रकाश पुँज विपरीत समान्तर पृष्ठ पर आता है, तो लाल तथा हरी किरणें:
एक दूरदर्शी के अभिदृश्यक लेन्स का व्यास 10 सेमी है तथा यह दो वस्तुओं से 1 किमी दूरी पर स्थित है। दूरदर्शी द्वारा विभेदित दोनों वस्तुओं के बीच की न्यूनतम दूरी, जब प्रकाश की माध्य तरंगदैर्ध्य $5000 A$ है, होगी:
काँच के किसी पतले प्रिज्म का कोण $15^{\circ}$ है और उसका अपवर्तनांक $\mu_1=1.5$ है। इसका $\mu_2=1.75$ अपवर्तनांक के किसी अन्य प्रिज्म से संयुक्त किया गया है। इनसे बने प्रिज्मों के संयोजन से विचलन बिना परिक्षेपण प्राप्त होता है। तो दूसरे प्रिज्म का कोण होना चाहिये:
एक द्विउत्तल लैंस को दो भगों में काटा गया है (i) $XOX ^{\prime}$ के अनुदिश (ii) $YOY ^{\prime}$ के अनुदिश, यदि $f , f ^{\prime}$, f" तीनों स्थितियों में लैंस की फोकस दूरियां हैं तो निम्न में से कौन-सा सम्बन्ध सही है: