एक फोटॉन जिसकी तरंगदैध्ध्य $\lambda$ हो उसका संवेग है
[1993]
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$ \lambda=\frac{ h }{ mv }=\frac{ m }{ p }$
$\therefore p =\frac{ h }{\lambda} $
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एक प्रकाश वैद्युत सैल का कैथोड बदलने से उसका कार्य फलन $W _1$ से $W _2$ बदल जाता है $\left( W _2> W _1\right)$ ) बिना किसी परिवर्तन के पहले धारा का मान $I _1$ तथा बाद में $I _2$ है तो $\left(\right.$ माना $h v> W _2$ )
एक अणु के ऊर्जा स्तर $A , B , C$ बढ़ते क्रम मे है अर्थार्त $E _{ A }< E _{ B }< E _{ C }$ यदि $\lambda_1, \lambda_2, \lambda_3$ क्रमशः $C$ से $B , B$ से $A$ तथा $C$ से $A$ संक्रमण संबंधित तरंगदैध्ध्य हो, तो कौन-सा संबंध सत्य है?
एक आयनीकरण बॉक्स में दो समान्तर प्लेट एनोड तथा कैथोड जिन पर $5 \times 10^7$ इलैक्ट्रॉन है। इतना ही एनोड के पास सिंगल आवेशित धनात्मक आवेश प्रति सेमी$^3$ में है इलैक्ट्रॉन एनोड की तरफ $0.4$ मी/सेकण्ड से भागते हैं तो एनोड पर धारा घनत्व $4$ माइक्रो एम्पियर / मी$^2$ होता है। धनात्मक आवेश की चाल होगी $-$
एक इलेक्ट्रान, हाइड्रोजन परमाणु की प्रथम उत्तेजित अवस्था से उसकी निम्नतम अवस्था में संक्रमण करता है। इससे उत्सर्जित एकवर्णी विकिरण किसी प्रकाश सुग्राही पदार्थ को किरणित करता है। इसका निरोधी विभव $3.57 V$ मापा गया है। इस पदार्थ की देहली आवृत्ति है :