यदि सदिश $\overrightarrow{ A }$ और $\overrightarrow{ B }$ के बीच का कोण $\theta$ है तो $(\overrightarrow{ B } \times \overrightarrow{ A }) \cdot \overrightarrow{ A }$ का मान है:
[2005]
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(d) $(\overrightarrow{ B } \times \overrightarrow{ A }) \cdot \overrightarrow{ A }=\overrightarrow{ C } \cdot \overrightarrow{ A }= CA \cos 90^{\circ}=0$
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एक कार 100 मीटर त्रिज्या वाले वृत्ताकार पथ पर समान चाल से गति कर रही है। यह प्रत्येक चक्कर $62.8$ सेंकड में पूरा करती है। प्रत्येक चक्कर का औसत वेग और औसत चाल क्रमशः है:
यदि सदिश $\overrightarrow{ A }=\cos \omega t \hat{i}+\sin \omega \hat{ j }$ तथा सदिश $\overrightarrow{ B }=\cos \frac{\omega t }{2} \hat{ i }+\sin \frac{\omega t }{2} \hat{ j }$ समय के फलन है, तो $t$ का मान क्या होगा जिस पर ये सदिश परस्पर लंबकोणि होगी?
एक छोटे गोले को धागे में बांधकर $O$ के सापेक्ष ऊर्ध्वाधर वृत में घुमाया जाता है। यदि उसकी औसत चाल बढ़ायी जाए तो धागा टूटने की स्थिति में आ जाता है। उस समय गोले की स्थिति होगी-
एक बस सड़क पर उत्तर दिशा में 50 किमी/घंटा के समान वेग से चलती है। यह $90^{\circ}$ पर मुड़ती है। तथा मुड़ने के बाद भी चाल समान रहती है। मुड़ने के दौरान वेग में कितनी बढ़ोतरी हुई।
$Y$ दिशा में गतिश्तील एक पिण्ड पर बल $\overrightarrow{ F }=(-2 \hat{ i }+15 \hat{ j }+6 \hat{ k }) N$ कार्यतर है। यदि यह $Y$ दिशा में 10 मीटर चला हो तो किया गया कार्य है।
दो कण $A$ तथा $B$ एक छड़ $AB$ पर है। यह छड़ लम्बवत् रेलों पर फिसलती है। $A$ का वेग बायें की ओर 10 मी/सेकंड है तो $B$ का वेग होगा यदि $\alpha=60^{\circ}$
$\ell$ लम्बाई की रस्सी के एक सिरे पर पत्थर बाँधकर उसके दूसरे सिरे को केंद्र बनाकर उसे ऊर्ध्वाधर वृत्त में घुमाया जाता है। किसी निश्चित समय पर, पत्थर अपनी निम्नतम स्थिति में $u$ वेग से है। जब यह इस स्थिति में पहुँचेगा कि रस्सी क्षैतिज हो तो इसके वेग के परिमाण में परिवर्तन है: $( g$ गुरुत्वीय त्वरण है)