एक डिस्चार्ज नलिका में गैसों के आयनीकरण का कारण निम्न कणों का संघट्ट है
[2006]
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(a) जब इलैक्ट्रॉन कैथोड से निकलकर गैस अणु पर गिरते हैं तो उनके बाह्य आर्बिट से इलैक्ट्रान निकलते हैं तथा ये धनात्मक आयन बनते हैं। ये धन किरणों का हिस्सा है।
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एक आयनीकरण बॉक्स में दो समान्तर प्लेट एनोड तथा कैथोड जिन पर $5 \times 10^7$ इलैक्ट्रॉन है। इतना ही एनोड के पास सिंगल आवेशित धनात्मक आवेश प्रति सेमी$^3$ में है इलैक्ट्रॉन एनोड की तरफ $0.4$ मी/सेकण्ड से भागते हैं तो एनोड पर धारा घनत्व $4$ माइक्रो एम्पियर / मी$^2$ होता है। धनात्मक आवेश की चाल होगी $-$
इस चित्र में एक प्रकाश सुक्रीय तल पर तीन विभिन्न विकिरणों के लिये प्रकाशीय धारा और ऐनोड विभव के बीच आरेखों को दिखाया गया है। निम्न कथनों में से किस को यथार्थ माना जायेगा?
एक इलेक्ट्रान, हाइड्रोजन परमाणु की प्रथम उत्तेजित अवस्था से उसकी निम्नतम अवस्था में संक्रमण करता है। इससे उत्सर्जित एकवर्णी विकिरण किसी प्रकाश सुग्राही पदार्थ को किरणित करता है। इसका निरोधी विभव $3.57 V$ मापा गया है। इस पदार्थ की देहली आवृत्ति है :
हाइड्रोजन अणु की ऊर्जा, मुख्य क्वाण्टम संख्या के साथ $E =-\frac{13.6}{ n ^2} eV$ है। यदि एक इलैक्ट्रान $n =3$ से $n =2$में कूत्ता है तो निकले फोटोंन की ऊर्जा है: