एकविधुत द्विध्रुव के अक्ष पर रखे एक बिन्दुवत आवेश पर F बल लगता है। यदि बिन्दुवत आवेश की द्विध्रुव से दूरी दुगुनी कर दी जाये तो उस पर क्या बल लगेगा? कारण भी स्पष्ट करें।
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स्वप्रयत्न
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दो बिन्दु आवेश 5 µC तथा- 5 µC एक-दूसरे से 1 सेमी. की दूरी पर रखे हैं। इनके मध्य बिन्दु से 0.30 मीटर की दूरी पर (i) अक्षीय स्थिति में, (ii) निरक्षीय स्थिति में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता की गणना कीजिए।
दो विधुत द्विध्रुव जिनके द्विध्रुव आघूर्ण P व 64P हैं, किसी रेखा पर 25 cm की दूरी पर विपरीत दिशा में रखे हैं। इनके मध्य किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र शून्य है तो विद्युत आघूर्ण P से इस बिन्दु की दूरी क्या होगी ?
1 µC के अनन्त आवेश x अक्ष पर x = 1, 2, 4,8,…. $\infty$ स्थितियों पर रखे हैं। यदि 1C का आवेश मूल बिन्दु पर 8, स्थित है तो इस पर आरोपित कुल बल का मान बताइए।
किसी गोले के केन्द्र से 20 सेमी. दूर स्थित एक बिन्दु पर विधुत क्षेत्र की तीव्रता 10 वोल्ट/मीटर है। उस गोले के केन्द्र से 8 सेमी. दूरी पर स्थित बिन्दु पर विधुत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिये। गोले की त्रिज्या 5 सेमी. है।
धातु के एक पतले खोखले गोले (गोलीय कोश) की त्रिज्या 30 सेमी. तथा उस गोलीय कोश पर 500 µC का आवेश है। कोश के केन्द्र से (i) 1 मीटर की दूरी पर, (ii) 30 सेमी. दूरी पर, (iii) 10 सेमी. दूरी पर विधुत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिए।
समान आवेश वाले दो धनायन एक$-$दूसरे को $3.7 \times 10^{-9}$ न्यूटन बल से प्रतिकर्षित करते हैं जबकि उनके बीच की दूरी $5 \mathring A$ है। प्रत्येक आयन में सामान्य अवस्था की तुलना में कितने इलेक्ट्रॉन कम हैं?
धातु का एक छोटा गोला जिस पर $+ Q$ आवेश है, एक बड़े अनावेशितं धातु के गोले की गुहिका $($cavity$)$ में रखा है। जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। विन्दुओं $P_1$ तथा $P_2$ पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मान गाउस के नियम से ज्ञात कीजिए।