घरेलू साधित्रों को लघुपथन अथवा अतिभारण से बचाने के लिए उपयोग किया जाने वाला सर्वाधिक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय क्या है?
examplar-12
Download our app for free and get startedPlay store
फ्यूज के लिए उपयोग किया जाने वाला तार घरेलू साधित्रों को लघुपथन अथवा अतिभारण से बचाने के लिए उपयोग किया जाने वाला सर्वाधिक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है। फ्यूज में होने वाला जूल तापन फ्यूज को पिघला देता है जिससे विद्युत परिपथ टूट जाता है। इस प्रकार विद्युत फ्यूज सभी परिपथों में अतिभारण और लघुपथन से होने वाले नुकसान से बचने में सहायक होता है।
art

Download our app
and get started for free

Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*

Similar Questions

  • 1

    चित्र में दर्शायी गयी व्यवस्था में दो कुंडलियाँ किसी अचालक बेलनाकार छड़ पर लिपटी हैं। आरंभ में प्लग में कुंजी नहीं लगी है। इसके पश्चात् प्लग में कुंजी लगाकर फिर हटा ली जाती है। तब

    View Solution
  • 2

    कागज़ के तल के लंबवत् तल में रखे वृत्ताकार पाश में कुंजी को बंद करने पर धारा प्रवाहित होती है। बिंदु A तथा B (जो कागज़ के तल में तथा पाश के अक्ष पर हैं) से देखने पर पाश में प्रवाहित धारा क्रमशः वामावर्त तथा दक्षिणावर्त है। चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ B से A की ओर संकेत करती हैं परिणामी चुंबक का उत्तर ध्रुव उस फलक पर होगा जो निकट है

    View Solution
  • 3

    चित्र में दर्शाए अनुसार कागज के तल में स्थित किसी क्षैतिज तार में पूर्व से पश्चिम की ओर कोई नियत धारा प्रवाहित हो रही है। चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा उत्तर से दक्षिण की ओर उस बिन्दु पर होगी जो-

    View Solution
  • 4
    किसी लंबी सीधी धारावाही परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता
    View Solution
  • 5
    AC जनित्र को DC जनित्र में परिवर्तित करने के लिए
    View Solution
  • 6
    किसी लंबी सीधी परिनालिका में धारा प्रवाहित करने पर इसके दोनों सिरों पर N तथा S ध्रुव बन जाते है। निम्न में से कौन-सा असत्य प्रकथन है?
    1. परिनालिका के भीतर क्षेत्र रेखाएँ, सरल रेखाओं के रूप में होती हैं जो यह निर्दिष्ट करता हैं कि परिनालिका के भीतर सभी बिंदुओं पर चुंबकीय क्षेत्र समान होता है।
    2. परिनालिका के भीतर उत्पन्न प्रबल चुंबकीय क्षेत्र का उपयोग चुंबकीय पदार्थ जैसे नर्म लोहे के टुकड़ों को, परिनालिका के भीतर रखकर, चुंबकित करने में किया जा सकता है।
    3. परिनालिका से संबद्ध चुंबकीय क्षेत्र का पैटर्न छड़ चुंबक के चारों ओर के चुंबकीय क्षेत्र के पैटर्न से भिन्न होता है।
    4. परिनालिका में प्रवाहित धारा की दिशा उत्क्रमित करने पर N तथा S ध्रुवों की अदला-बदली हो जाती है।
    View Solution
  • 7
    निम्नलिखित में असत्य प्रकथन का चयन कीजिए:
    1. प्रेरित धारा की दिशा जानने के लिए फ्लेमिंग दक्षिण हस्त नियम एक सरल नियम है।
    2. धारावाही चालक के चुंबकीय क्षेत्र की दिशा जानने के लिए दक्षिण हस्त अंगुष्ठ नियम उपयोग किया जाता है।
    3. दिष्ट तथा प्रत्यावर्ती धाराओं में यह अंतर है कि दिष्ट धारा सदैव एक ही दिशा में प्रवाहित होती है, जबकि प्रत्यावर्ती धारा की दिशा आवर्ती रूप से उत्क्रमित होती है।
    4. भारत में प्रत्यावर्ती धारा में प्रत्येक $\frac{1}{50}$ सेकंड के पश्चात दिशा परिवर्तन होता है।
    View Solution
  • 8

    चित्र में दर्शाए अनुसार कागज़ के तल में बाएं से दायीं ओर संकेत करते हुए कोई एक समान चुंबकीय क्षेत्र है। चित्र में दर्शाए अनुसार एक इलेक्ट्रॉन तथा एक प्रोटॉन इस चुंबकीय क्षेत्र में गति करते हैं। इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन द्वारा अनुभव बलों की दिशाएँ क्या हैं?

    View Solution
  • 9
    व्यापारिक विद्युत मोटरों में निम्नलिखित में से किसका उपयोग नहीं किया जाता है?
    View Solution
  • 10
    चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं के संबंध में निम्न में से असत्य प्रकथन का चयन कीजिए:
    View Solution