यूरोपीय शहरों में विभिन्न व्यापारियों, उत्पादकों, दस्तकारों द्वारा अपने हितों की रक्षा के लिए बनाये गये संगठन गिल्ड्स कहलाते थे। गिल्ड्स से जुड़े उत्पादक कारीगरों को प्रशिक्षण देते थे, उत्पादकों पर नियन्त्रण रखते थे, प्रतिस्पर्धा तथा मूल्य तय करते थे तथा व्यवसाय में नए लोगों को आने से रोकते थे।