जॉबर-उद्योगपति नए मजदूरों की भर्ती के लिए प्रायः एक व्यक्ति रखते थे जो जॉबर कहलाता था। इन्हें अलग-अलग इलाकों में सरदार या मिस्त्री भी कहते थे। जॉबर कोई पुराना और विश्वस्त कर्मचारी होता था।
जॉबर के कार्य-वह अपने गाँव से लोगों को लाता था, उन्हें काम का भरोसा देता था, उन्हें शहर में जमने के लिए मदद देता था और मुसीबत में पैसे से मदद करता था। बाद में जॉबर मदद के बदले पैसे व तोहफों की माँग करने लगे और मजदूरों की जिंदगी को नियंत्रित करने लगे।