ग्राहक सभी बाजार में समान रूप से खरीददारी नहीं पाते क्योंकि कछ बाजारों जैसे-साप्ताहिक बाजार में ग्राहकों को वस्तुओं के दाम के माल-भाव करने का मौका मिलता है और वे वस्तुओं के दाम कम करवा सकते हैं और दुकानदार वस्तुओं के दाम कम नहीं करता है तो वे दूसरी दुकान से सामान ले लेते हैं।
मोहल्ले के दुकानदारों से जान-पहचान की वजह से कभी-कभी उधार समान भी मिल जाता है। पर यही अगर ग्राहक चाहे की वे शॉपिंग कॉम्प्लेक्स या मॉल में वस्तुओं का मोलभाव करें तो यह संभव नहीं होता क्योंकि मॉल में सामान बहुत महंगे और ब्रांडेड होते हैं। थोक बाजार में ग्राहक आसानी से मोल-भाव करते हैं, क्योंकि एक बार में ज्यादा सामान लेने पर सामानों की कीमत कुछ कम होती है।