साप्ताहिक बाजार सप्ताह में एक ही दिन लगता है। यहाँ पर कोई. भी व्यक्ति अपनी वस्तुएँ बेच सकता है। यहाँ पर रोजमर्रा के उपयोग के समान के साथ ही अन्य भी बहुत सारी वस्तएँ मिलती हैं। यहाँ पर लोगों को मोल-भाव कर सामान के दाम कम कराने का मौका मिलता है। अगर उन्हें लगता है कि दुकानदार वस्तुओं की कीमत कम नहीं कर रहा है, तो लोग दूसरी दुकान से सामान खरीद लेते हैं। यहाँ पर दूसरे गाँवों से लोग खरीददारी करने आते हैं।
पर मोहल्ले के दुकानों में उस मोहल्ले के लोग या उसके आस-पास के लोग ही खरीददारी करने आते हैं। यहाँ के दुकानों में रोजमर्रा के उपयोग के समान भी मिलते हैं। यहाँ पर वस्तुओं का मोल-तोल कम किया जाता है। वह दुकानें स्थायी होती हैं और प्रतिदिन खुलली है। यहाँ पर जान-पहचान की वजह से आपको उधार सामान भी मिल सकता है पर साप्ताहिक बाजार में ऐसा नहीं होता है।