हैलोऐल्केन के अपचयन से ऐल्केन कितने प्रकार से बनाया जा सकता है? समीकरण सहित समझाइए।
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$(i)$ अपचायकों द्वारा $-$ ऐल्किल हैलाइडों का अपचयन विभिन्न अपचायकों द्वारा किया जा सकता है तथा इससे ऐल्केन प्राप्त होते हैं। ये अपचायक $Na + C _2 H _5 OH , Zn + HCl$ तथा $ZnCu$ युग्म $+ C _2 H _5 OH$ हो सकते हैं।
$R - X +2 H \longrightarrow RH + HX$
$C _2 H _5 Br +2 H \longrightarrow C _2 H _6+ HBr$
$(ii)$ उत्प्रेरकी हाइड्रोजनीकरण $-$ धातु उत्प्रेरक की उपस्थिति में $R-X$ की क्रिया हाइड्रोजन से करवाने पर भी ऐल्केन बनते हैं।
$(iii) $ लीथियम ऐलुमीनियम हाइड्राइड $(LiAIH_4)$ या सोडियम बोरो हाइड्राइड $(NaBH_4)$ द्वारा अपचयन $- RX$ का अपचयन $LiAlH_4$ या $NaBH_4$ से करवाने पर भी एल्केन प्राप्त होते हैं। इस अभिक्रिया में हाइड्राइड आयन $( H ^{-})$ प्रयुक्त होता है, अतः यह एक नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया है।
$4 R - X + LiAlH _4 \longrightarrow 4 RH + LiAlX _4$
$(iv)$ हाइड्रोजन आयोडाइड द्वारा अपचयन$-$ लाल$-$फॉस्फोरस की उपस्थिति में ऐल्किल हैलाइडों का अपचयन, $HI$ से कराने पर भी ऐल्केन प्राप्त होते हैं। इसे बर्थेलो विधि कहते हैं।
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