$\ce{HCl, HNO_3}$ आदि जलीय विलयन में अम्लीय अभिलक्षण क्यों प्रदर्शित करते हैं, जबकि ऐल्कोहॉल एवं ग्लूकोज़ जैसे यौगिकों के विलयनों में अम्लीयता के अभिलक्षण नहीं प्रदर्शित होते हैं?
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$\ce{HCl, HNO_3}$ आदि जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयन $H^+$ बनता है जिसके कारण ये अम्लीय अभिलक्षण को प्रदर्शित करते हैं, परन्तु ग्लूकोज़ एवं ऐल्कोहॉल जैसे यौगिकों के विलयनों में हाइड्रोजन आयन $H^+$ नहीं बनता है जिसके कारण ये अम्लीयता के अभिलक्षण नहींं प्रदर्शित होते हैं।
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कोई धातु यौगिक $A$ तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो बुदबुदाहट उत्पन्न होती है। इससे उत्पन्न गैस जलती मोमबत्ती को बुझा देती है। यदि उत्पन्न यौगिकों में एक से कैल्सियम क्लोराइड हैं, तो इस अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए।
कोई किसान खेत की मृदा की किस परिस्थिति में बिना बुझा हुआ चूना $($कैल्सियम ऑक्साइड$),$ बुझा हुआ चूना $($कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड$)$ या चॉक $($कैल्सियम कार्बोनेट$)$ का उपयोग करेगा?