निकट दृष्टि दोष: किसी नेत्र द्वारा दूर स्थित वस्तुओं को देखने में असमर्थता। इस दोष में प्रतिबिम्ब दृष्टि पटल से पहले बनता है।
निकट दृष्टिदोष का निवारण: इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को दोष के निवारण के लिए उचित फोकस दूरी के अवतल लेंस की आवश्यकता होती है। अवतल लेंस अनन्त से आती हुई प्रकाश किरणों को अपसरित कर देता है। अवतल लेंस से अपवर्तन के पश्चात् किरणें उस व्यक्ति के नेत्र के दूर बिन्दु से आती हुई प्रतीत होती हैं। इस कारण से, दूर स्थित किसी वस्तु का स्पष्ट प्रतिबिम्ब व्यक्ति के रेटिना पर बनता है। इस प्रकार, निकट दृष्टि दोष युक्त व्यक्ति दूर रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट देख पाता है।
दूर दृष्टिदोष: किसी नेत्र द्वारा निकट स्थित वस्तुओं को देखने में असमर्थता होती है। इस दोष में प्रतिबिम्ब दृष्टिपटल के पीछे बनता है।
दूर दृष्टिदोष का निवारण: इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को दोष के निवारण के लिए उचित फोकस दूरी के उत्तल लेंस की आवश्यकता होती है। उत्तल लेंस निकट स्थित वस्तु से आती हुई प्रकाश किरणों को अभिसरित कर देता है। उत्तल लेंस से अपवर्तन के पश्चात्, किरणें उस व्यक्ति के नेत्र के निकट बिंदु से आती हुई प्रतीत होती हैं। इस कारण से, निकट स्थित किसी वस्तु का स्पष्ट प्रतिबिम्ब व्यक्ति के रेटिना पर बनता है। इस प्रकार, दूर दृष्टि दोष युक्त व्यक्ति निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट देख पाता है।
