(i) द्विलिंगी पुष्प धारण करने वाले पादप से कृत्रिम संकरण द्वारा उन्नत फसल की किस्म प्राप्त करने के लिए बोरावस्त्र तकनीक (Bagging) एवं विपुंसन तकनीक अपनायी जा सकती है।
सबसे पहले चयनित पुष्य (मादा जनक) के पुंकेसरों या परागकोशों को कलिका अवस्था में परागकोशों के स्फुटन से पहले हटा दिया जाता है। इस प्रक्रिया को विपुंसन (Emasculation) कहते हैं।
विपुंसन के तुरंत बाद विपुंसित पुष्प को अवांछित परागकणों से बचाने के लिए एक उपयुक्त थैली से ढक दिया जाता है। इस प्रक्रिया को बोरावस्त्रावरण (Bagging) कहते हैं। जब वर्तिकाग्र सुग्राही हो जाती है, तब थैली हटाकर नर जनक से संग्रहित परागकणों को वर्तिकाग्र पर छिड़क दिया जाता है। इस प्रक्रिया के बाद पुनः मादा जनक पुष्प को थैली से ढक दिया जाता है इससे फल एवं बीजों का विकास किया जाता है।
(ii) एकलिंगी पुष्प उत्पन्न करने वाले मादा जनक पादप से कृत्रिम संकरण प्रक्रिया द्वारा उन्नत किस्म की फसल प्राप्त करने के लिए विपुंसन की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन बोरावस्त्रावरण प्रक्रिया को अपनाना आवश्यक है। इसके अन्तर्गत पुष्पों को खिलने से पहले ही थैली द्वारा ढक दिया जाता है (बोरावस्त्रवरण) । जब वर्तिकाग्र सुग्राही होती है तब वांछित परागकणों को इस पर छिड़ककर पुनः थैली से ढक देते हैं एवं आगे के विकास (फल व बीजों का) के लिए छोड़ देते हैं।