19वीं शताब्दी तक सारे भारतीय यह महसूस करने लगे थे कि राष्ट्र के प्रति गर्व का भाव जगाने के लिए संजीव पास बुक्स भारतीय इतिहास को अलग ढंग से पढ़ाया जाना चाहिए। फलतः भारतीयों ने अपने गौरवपूर्ण अतीत के बारे में लिखना शुरू किया। गौरवपूर्ण अतीत की जानकारी से राष्ट्रवाद की भावना को बल मिला।