(1) मुद्राएँ इतिहास को जानने के स्रोत की पुरातात्विक सामग्री हैं।
(2) मुद्राओं अथवा सिक्कों, छापों या प्रतीकों से किसी भी काल विशेष की राजनीतिक, धार्मिक, आर्थिक स्थिति का पता लगता है।
(3) मुद्राओं पर अंकित चिह्न, भाषा, लिपि, सन्, संवत्, नाम सहित धातु की शुद्धता, नाप-तौल आदि से हमें उस समय की समृद्धि आदि का ज्ञान होता है।
(4) सिक्के राज्य व शासक की शक्ति के सूचक भी हैं।
(5) राजस्थान के आहड़, रैड़, बैराठ, रंगमहल, सांभर सुखाणियां के उत्खनन से प्राप्त सिक्के और मुद्राओं से क्षत्रपों, मालव, चौहान, गुहिल आदि वंशों के काल के राज्य, शासन, अधिकृत सीमा के बारे में जानकारी उपलब्ध होती है।