नवीन युद्ध तकनीकी के अंतर्गत जैविक अस्त्रों को सम्मिलित किया गया है। इसे भारी विनाश का अस्त्र (Weapon of Mass . Destruction) कहा गया है। इसका विकास जापानियों ने किया लेकिन जैविक अस्त्रों का वास्तविक प्रयोग 2001 ई० में संयुक्त राज्य अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर पर आतंकी हमले के बाद आरम्भ हुआ। एंथ्रेक्स डाक सेवा के द्वारा अथवा अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा पहुँचाया जाने लगा । वास्तव में जैविक आपदा का कारण एक सूक्ष्म जीवाणु हैं।
जैविक अस्त्रों के अंतर्गत उपयोग में लाये जाने वाले और अन्य जीवाणु भी हैं जो रुग्णता लाने वाले जीवाणु है।
इससे उत्पन्न समस्याएँ-(i) जैविक अस्त्र के प्रयोग से इसके सूक्षम जीवाणु श्वसन क्रिया के द्वारा शरीर के अंदर जहर उत्पन्न करता है और वह सूक्ष्म त्रासदी को जन्म देते हैं। इसे गंदा बम (Dirty Bomb) कहा . गया है। (ii) दूसरी समस्या है इससे रुग्णता आती है। शरीर धीरे-धीरे क्षीण होने लगता है।