(a) जीवाश्मों या प्राचीन जीवों के चट्टानों में उपस्थित विभिन्न काल के अवशेषों का अध्ययन जीवाश्म विज्ञान कहलाता है इसे जीवाश्म-जीव विज्ञान भी कहते हैं। इसकी दो शाखाएं होती हैं-
(i) जीवाश्म पादप का अध्ययन- जीवाश्म पादप विज्ञान
(ii) जीवाश्म जन्तु का अध्ययन- जीवश्म जन्तु विज्ञान
(a) सरीसृप विज्ञान में सरीसृपों का अध्ययन होता है परन्तु छिपकलियों का अध्ययन सोरोलोंजी कहलाता है।
(b) जैव विकास, जीवन की उत्पत्ति व नयी जातियों के विकास से संबंधित है।