जल से भरे 80 सेमी. गहराई के किसी टैंक की तली पर कोई छोटा बल्ब रखा गया है। जल के पृष्ठ का वह क्षेत्र ज्ञात कीजिए जिससे बल्ब का प्रकाश निर्गत हो सकता है। जल का अपवर्तनांक 1.33 है। (बल्ब को बिन्दु प्रकाश स्रोत मानिए।)
Exercise - 9.5
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Similar Questions

  • 1
    25 सेमी. के सामान्य निकट बिन्दु का कोई व्यक्ति ऐसे संयुक्त सूक्ष्मदर्शी जिसका अभिदृश्यक 8.0 मिमी. फोकस दूरी तथा नेत्रिका 2.5 सेमी. फोकस दूरी की है, का उपयोग करके अभिदृश्यक से 9.0 मिमी. दूरी पर रखे बिंब को सुस्पष्ट फोकसित कर लेता है। दोनों लेंसों के बीच पृथकन दूरी क्या है? सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन क्षमता क्या है?
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  • 2
    किसी दूरबीन के अभिदृश्यक की फोकस दूरी 140 सेमी. तथा नेत्रिका की फोकस दूरी 5.0 सेमी. है। दूर की वस्तुओं को देखने के लिए दूरबीन की आवर्धन क्षमता क्या होगी जब-
    1. दूरबीन का समायोजन सामान्य है (अर्थात् अंतिम प्रतिबिंब अनंत पर बनता है)।
    2. अंतिम प्रतिबिंब स्पष्ट दर्शन की अल्पतम दूरी (25 सेमी.) पर बनता है।
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  • 3
    किसी आवर्धक लेंस से देखते समय प्रेक्षक अपने नेत्र को लेंस से अत्यधिक सटाकर रखता है। यदि प्रेक्षक अपने नेत्र को पीछे ले जाए तो क्या कोणीय आवर्धन परिवर्तित हो जाएगा?
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  • 4
    किसी मेज के ऊपरी पृष्ठ पर जड़ी एक छोटी पिन को 50 सेमी. ऊँचाई से देखा जाता है। 15 सेमी. मोटे आयताकार काँच के गुटके को मेज के पृष्ठ के समान्तर पिन व नेत्र के बीच रखकर उसी बिंदु से देखने पर पिन नेत्र से कितनी दूर दिखाई देगी? काँच का अपवर्तनांक 1.5 है। क्या उत्तर गुटके की अवरिथति पर निर्भर करता है?
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  • 5
    दर्पण-सूत्र का उपयोग यह व्युत्पन्न करने के लिए कीजिए कि
    1. किसी अवतल दर्पण के f तथा 2f के बीच रखे बिंब का वास्तविक प्रतिबिंब 2f से दूर बनता है।
    2. उत्तल दर्पण द्वारा सदैव आभासी प्रतिबिंब बनता है जो बिंब की स्थिति पर निर्भर नहीं करता।
    3. उत्तल दर्पण द्वारा सदैव आकार में छोटा प्रतिबिंब, दर्पण के धुव व फोकस के बीच बनता है।
    4. अवतल दर्पण के धुव तथा फोकस के बीच रखे बिंब का आभासी तथा बड़ा प्रतिबिंब बनता है।
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  • 6
    किसी सरल सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन क्षमता उसकी फोकस दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होती है। तब हमें अधिकाधिक आवर्धन क्षमता प्राप्त करने के लिए कम से कम फोकस दूरी के उत्तल लेंस का उपयोग करने से कौन रोकता है?
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  • 7
    2.5 सेमी. साइज की कोई छोटी मोमबत्ती 36 सेमी. वक्रता त्रिज्या के किसी अवतल दर्पण से 27 सेमी. दूरी पर रखी है। दर्पण से किसी परदे को कितनी दूरी पर रखा जाए कि उसका सुस्पष्ट प्रतिबिम्ब परदे पर बने। प्रतिबिम्ब की प्रकृति और साइज का वर्णन कीजिए। यदि मोमबत्ती को दर्पण की ओर ले जाएँ, तो परदे को किस ओर हटाना पड़ेगा?
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  • 8
    किसी संयुक्त सूक्ष्मदर्शी के अभिदृश्यक लेंस तथा नेत्रिका लेंस दोनों ही की फोकस दूरी कम क्यों होनी चाहिए?
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  • 9
    1. अभ्यास 28(i) वर्णित दूरबीन के लिए अभिदृश्यक लेंस तथा नेत्रिका के बीच पृथकन दूरी क्या है?
    2. यदि इस दूरबीन का उपयोग 3 किमी. दूर स्थित 100 मी. ऊँची मीनार को देखने के लिए किया जाता है तो अभिदृश्यक द्वारा बने मीनार के प्रतिबिंब की ऊँचाई क्या है?
    3. यदि अंतिम प्रतिबिंब 25 सेमी. दूर बनता है तो अंतिम प्रतिबिंब में मीनार की ऊँचाई क्या है?
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  • 10
    संयुक्त सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखते समय सर्वोत्तम दर्शन के लिए हमारे नेत्र, नेत्रिका पर स्थित न होकर उससे कुछ दूरी पर होने चाहिए। क्यों? नेत्र तथा नेत्रिका के बीच की यह अल्प दूरी कितनी होनी चाहिए?
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