पंजाब में ब्रिटिश भारतीय सरकार ने अर्द्ध-रेगिस्तानी परती जमीनों को उपजाऊ बनाने के लिए नहरों का जाल बिछा दिया ताकि निर्यात के लिए गेहूँ और कपास की खेती की जा सके। नई नहरों की सिंचाई वाले क्षेत्रों में पंजाब के अन्य स्थानों से लोगों को लाकर बसाया गया। उनकी बस्तियों को 'केनाल कॉलोनी' कहा जाता था।