गुजरात में आए भूकंप की जानकारी मुझे अखबार, रेडियो और टी.वी. से प्राप्त हुई थी। हमारे कुछ रिश्तेदारों ने फोन में भी हमें इस घटना की जानकारी दी थी। फिर टी.वी. पर गुजरात से सीधा प्रसारण दिखाया जा रहा था। रेडियो पर भी खबरें सुनने को मिल रही थी। पर टी.वी. पर वहाँ का सीधा दृश्य दिखाया जा रहा था।
किस तरह बड़े-बड़े बिल्डिंग भूकंप की वजह से मलबे में बदल गए थे। चारो ओर लोगों की चीखने-चिल्लाने की आवाजें आ रही थी। सभी अपनी जान बचाने की कोशिश से लगे हुए थे। सेना के जवान मलबे में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे थे। साथ ही आम नागरिक भी उनकी मदद को तैयार थे। अखबार और रेडियो से हमें खबर पढ़ने को और सुनने को मिली पर टी.वी. पर वहाँ की स्थिति को सीधे-सीधे देखने पर उन लोगों के तकलीफ को महसूस करने पर मेरे रोंगटे खड़े हो गये।