संचार के वैकल्पिक माध्यमों में हस्तलिखित अखबार, सामूहिक रेडियो, लघु पत्रिका इत्यादि का चलन बढ़ने का एक मुख्य कारण है कि छपाई वाले अखबार गाँव में नहीं मिलते हैं। इनका दायरा सीमित होता है और. अखबारों का एकछत्र राज्य कायम होने से वे कभी-कभी अपनी प्रसिद्ध का. फायदा उठाते हुए किसी खबर को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं और अपनी साख को और बढ़ाने की कोशिश करते हैं। इसमें खेल, सिनेमा आदि को विस्तारपूर्वक बताया जाता है पर गरीब लोगों, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों जो मूलभूत सरकारी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं, जिन्हें ये सुविधाएँ उपलब्ध कराना सरकार की चुनौती है-इन सब बातों पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है पर ऊपर लिखित वैकल्पिक माध्यम आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और इससे काफी छोटी-छोटी बातों को जानकारी मिलती हैं। ”