किसी इलेक्ट्रॉन के नैज चक्रणी संवेग S एवं कक्षीय कोणीय संवेग I के साथ जुड़े चुम्बकीय आघूर्ण क्रमश: $\mu_{s}$ और $\mu_{l}$ है। क्वांटम सिद्धांत के आधार पर (ओर प्रयोगात्मक रूप से अत्यन्त परिशुद्धतापूर्वक पुष्ट) इनके मान क्रमश : निम्न प्रकार दिए जाते हैं- $\mu_{s}$=$-(\frac e m) S,$एवं $\mu_{l}$=$-(\frac e 2 m) $l इनमें से कौन-सा व्यंजक चिरसम्मत सिद्धांतों के आधार पर प्राप्त करने की आशा की जा सकती है? उस चिरसम्मत आधार पर प्राप्त होने वाले व्यंजक को व्युत्पन्न कीजिए।
Exercise - 5.25
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एक रोलैंड रिंग की औसत त्रिज्या 15 सेमी है और इसमें 800 आपेक्षिक चुंबकशीलता के लौह चुम्बकीय क्रोड पर 3500 फेरे लिपटे हुए हैं। 1.2 A की चुम्बकीय धारा के कारण इसके क्रोड में कितना चुम्बकीय क्षेत्र (B) होगा?
अनुचुम्बकीय लवण के एक नूमने में $ 2.0 \times 10^{24}$ परमाणु द्विधुव हैं जिनमें से प्रत्येक का द्विध्रुव आघूर्ण $1.5 \times 10^{-23} JT^{-1}$ है। इस नमूने को $0.64\ T$ के एक एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा गया और $4.2\ K$ ताप तक ठंडा किया गया इसमें $15\%$ चुम्बकीय संतृप्तता आ गई। यदि इस नमूने को $0.98\ T$ के चुम्बकीय क्षेत्र में $2.8\ K$ ताप पर रखा हो तो इसका कुल द्विध्रुव आघूर्ण कितना होगा$? ($यह मान सकते हैं कि क्यूरी नियम लागू होता है।$)$
एक समोर्जी $18\ \text{keV}$ वाले इलेक्ट्रॉनों के किरण पुंज पर जो शुरू में क्षैतिज दिशा में गतिमान है, $0.04\ G$ का एक क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र, जो किरण पुंज की प्रारंभिक दिशा के लम्बवत् है, लगाया गया है। आकलन कीजिए $30$ सेमी. की क्षैतिज दूरी चलने में किरण पुंज कितनी दूरी ऊपर या नीचे विस्थापित होगा$? (m_{e }= 9.11 \times 10^{-31} kg, e = 1.60 \times 10^{-19 }C)$
यह माना जाता है कि पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र लगभग एक चुम्बकीय द्विधुव के क्षेत्र जैसा है जो पृथ्वी के केन्द्र पर रखा है और जिसका द्विधुव आघूर्ण $ 8 \times 10^{22}\ JT^{-1}$ है। कोई ढंग सुझाइए जिससे इस संख्या के परिमाण की कोटि जाँची जा सके।
चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ (हर बिंदु पर) वह दिशा बताती हैं जिसमें (उस बिंदु पर रखी) चुंबकीय सुई संकेत करती है। क्या चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ प्रत्येक बिंदु पर गतिमान आवेशित कण पर आरोपित बल रेखाएँ भी हैं?
एक टोरॉइड में तो चुंबकीय क्षेत्र पूर्णतः क्रोड के अंदर सीमित रहता है, पर परिनालिका में ऐसा नहीं होता। क्यों?
यदि चुंबकीय एकल ध्रुवों का अस्तित्व होता तो चुंबकत्व संबंधी गाउस का नियम क्या रूप ग्रहण करता?
क्या कोई छड़ चुंबक अपने क्षेत्र की वजह से अपने ऊपर बल आघूर्ण आरोपित करती है? क्या किसी धारावाही तार का एक अवयव उसी तार के दूसरे अवयव पर बल आरोपित करता है।
गतिमान आवेशों के कारण चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होते हैं। क्या कोई ऐसी प्रणाली है जिसका चुंबकीय आघूर्ण होगा, यद्यपि उसका नेट आवेश शून्य है?
एक जगह से दूसरी जगह जाने पर पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र बदलता है। क्या यह समय के साथ भी बदलता है? यदि हाँ, तो कितने समय अंतराल पर इसमें पर्याप्त परिवर्तन होते हैं?