यह माना जाता है कि पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र लगभग एक चुम्बकीय द्विधुव के क्षेत्र जैसा है जो पृथ्वी के केन्द्र पर रखा है और जिसका द्विधुव आघूर्ण $ 8 \times 10^{22}\ JT^{-1}$ है। कोई ढंग सुझाइए जिससे इस संख्या के परिमाण की कोटि जाँची जा सके।
Exercise - 5.1
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एक चुम्बकीय सुई जो क्षैतिज तल में घूमने के लिए स्वतंत्र है, $30$ फेरों एवं $12$ सेमी. त्रिज्या वाली एक कुंडली के केन्द्र पर रखी है। कुंडली एक ऊर्ध्वाधर तल में है और चुम्बकीय याम्योत्तर से $45^\circ$ का कोण बनाती है। जब कुंडली में $0.35\ A$ धारा प्रवाहित होती है, चुम्बकीय सुई पश्चिम से पूर्व की ओर संकेत करती है।
इस स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज अवयव का मान ज्ञात कीजिए।
कुंडली में धारा की दिशा उलट दी जाती है और इसको अपनी ऊर्ध्वाधर अक्ष पर वामावर्त दिशा में $($ऊपर से देखने पर$) 90^\circ$ के कोण पर घुमा दिया जाता है। चुम्बकीय सुई किस दिशा में ठहरेगी$?$ इस कथन पर चुम्बकीय दिक्पात शून्य लीजिए।
एक सदिश को पूर्ण रूप से व्यक्त करने के लिए तीन राशियों की आवश्यकता होती है। उन तीन स्वतंत्र राशियों के नाम लिखिए जो परम्परागत रूप से पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होती हैं।
क्या होता है जबकि एक चुंबक को दो खंडों में विभाजित करते हैं (i) इसकी लंबाई के लंबवत (ii) लंबाई के अनुदिश?
एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में रखी गई किसी चुंबकीय सुई पर बल आघूर्ण तो प्रभावी होता है पर इस पर कोई परिणामी बल नहीं लगता। तथापि, एक छड़ चुंबक के पास रखी लोहे की कील पर बल आघूर्ण के साथ-साथ परिणामी बल भी लगता है। क्यों?
क्या प्रत्येक चुंबकीय विन्यास का एक उत्तरी और एक दक्षिणी ध्रुव होना आवश्यक है? एक टोरॉयड के चुंबकीय क्षेत्र के संबंध में इस विषय में अपनी टिप्पणी दीजिए।
दो एक जैसी दिखाई पड़ने वाली छड़े A एवं B दी गई हैं जिनमें कोई एक निश्चित रूप से चुंबकीय है, यह ज्ञात है (पर, कौन सी यह ज्ञात नहीं है)। आप यह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि दोनों छड़ें चुंबकित हैं या केवल एक? और यदि केवल एक छड़ चुंबकित है तो यह कैसे पता लगाएँगे कि वह कौन-सी है। [आपको छड़ों A एवं B के अतिरिक्त अन्य कोई चीज प्रयोग नहीं करनी है।]
किसी छोटे छड़ चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण $0.48 \ JT^{-1}$ है। चुम्बक के केन्द्र से $10$ सेमी. की दूरी पर स्थित किसी बिन्दु पर इसके चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण एवं दिशा बताइए यदि यह बिन्दु
एक चुम्बकीय द्विध्रुव दो चुम्बकीय क्षेत्रों के प्रभाव में है। ये क्षेत्र एक$-$दूसरे से $60^\circ$ का कोण बनाते हैं और उनमें से एक क्षेत्र का परिमाण $1.2 \times 10^{-2} \mathrm{~T}$ है। यदि द्विध्रुवी संतुलन में इस क्षेत्र से $15^\circ$ का कोण बनाए, तो दूसरे क्षेत्र का परिमाण क्या होगा?
अपने 4-5 अरब वर्षों के इतिहास में पृथ्वी अपने चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा कई बार उलट चुकी होगी। भूगर्भशास्त्री, इतने सुदूर अतीत के पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के बारे में कैसे जान पाते हैं?