किसी को जीवन भर के लिए राष्ट्रपति चुनने की विधि को उचित नहीं माना जा सकता क्योंकि ऐसा होने पर राष्ट्रपति निरंकुश तथा तानाशाह हो सकता है। घाना में राष्ट्रपति लामे एनक्रूमा अपने आपको आजीवन राष्ट्रपति के रूप में चुनवा लिया था । यद्यपि वह लोकतंत्र का राष्ट्रपति था परंतु उसकी तानाशाही से तंग हो सेना ने 1966 ई. में एनक्रूमा सरकार का तख्ता पलट दिया था।