(a) इच्छित गुणों वाली फसल प्राप्त करने के लिए 'चयन' की प्रक्रिया अपनाई जाती है। दो अलग-अलग प्रकार की प्रजातियों के सम्मिलन से नई फसल प्राप्त करना, संकरण कहलाता है। किसी स्थान से पादप को ऐसे स्थान पर प्रतिस्थापित करना जहां वह प्राकृतिक रूप से नहीं मिलता है, 'परिचय' कहलाता है।