पूनम ज्योति के यहाँ चौका-बर्तन का काम करती है। फिर भी वोट देने के लिए लाईन में वह ज्योति से आगे खड़ी थी। वहाँ उसे किसी ने यह नहीं कहा कि तुम नौकरानी का काम करती हो, इसलिए तुम पीछे जाकर
खड़ी हो । वहाँ उसे यह भी सुनने को नहीं मिला कि नौकरानी होकर तुम आगे खड़ी हो और तुम्हारी मालकिन तुम्हारे पीछे खड़ी है। जबकि रोजमर्रा के जीवन में अगर कोई नौकरानी अपनी मालकिन के आगे चलें तो ऐसे वाक्य सुनने को मिलते हैं। उससे यहाँ यह भी नहीं कहा गया कि तुम अशिक्षित हो और गरीब हो तो आगे क्यों खड़ी हो। इस वजह से कतार में खड़े होकर पूनम को समानता का अहसास हो रहा है।