कृत्रिम संकरीकरण द्वारा उन्नत लक्षणों वाली किस्मों का उत्पादन किया जा सकता है। कृत्रिम संकरीकरण द्वारा इच्छित लक्षणों का समावेश करके उन्नत किस्मों का विकास किया जाता है। इस प्रकार की उन्नत किस्में वाणिज्यिक दृष्टि से भी श्रेष्ठ होती है, अतः कृत्रिम संकरीकरण को फसल उन्नति कार्यक्रम के रूप में लिया जाता है।