धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान की एक प्रमुख विशेषता है। 42वें संवैधानिक संशोधन द्वारा प्रस्तावना में भारत को एक धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया गया है। धर्मनिरपेक्ष राज्य का तात्पर्य यह है कि राज्य की दृष्टि में सभी धर्म समान हैं और राज्य के द्वारा विभिन्न धर्मावलम्बियों में कोई भेद-भाव नहीं किया जायगा। सभी नागरिक स्वेच्छा से कोई धर्म अपनाने और उपासना करने में स्वतंत्र हैं।