संविधान सभा में दिए गए अपने अंतिम भाषण में डॉ. अम्बेडकर ने स्पष्ट ढंग से कहा था-“26 जनवरी, 1950 को हम विशेषाधिकारों से भरे जीवन में प्रवेश करने जा रहे हैं । राजनीति के मामले में यहाँ समानता होगी पर आर्थिक और सामाजिक जीवन असमानताओं से भरा होगा । राजनीति में हम ‘एक व्यक्ति एक वोट’ और ‘हर वोट का समान महत्व’ के सिद्धान्त को मानेंगे।”