बहुमत के अनुसार निर्णय होना चाहिए-इसके लिए तो लोकतंत्र में उदाहरण भरे पड़े हैं । सर्वप्रथम तो विधायक का चुनाव ही ऐसा उदाहरण ‘है, जिसका निर्वाचन बहुमत से होता है । इसके बाद बहुमत के आधार पर मुख्यमंत्री का चुनाव होता है । विधान सभा में जितने कार्य होते हैं, वे सभी बहुमत से ही निर्णय होता है । इस प्रकार स्पष्ट है कि हमें लगता है कि व्यवस्थापिका में सभी कार्य बहुमत के अनुसार ही होना चाहिए