प्रत्येक मनुष्य में कुछ शक्तियाँ अन्तर्निहित होती हैं। उन शक्तियों के विकास से ही मनुष्य के व्यक्तित्व का विकास होता है । इन शक्तियों के विकास के लिए मनुष्य को कुछ अधिकारों की आवश्यकता होती है। ऐसे अधिकारों को ही हम मौलिक अधिकार कहते हैं। इन अधिकारों की चर्चा संविधान में कर दी गयी है । लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाये रखने के लिए मौलिक अधिकार आवश्यक हैं।