मेरे हिसाब से महिलाओं की तुलना में पुरुषों का काम ज्यादा मूल्यवान नहीं होता है। हमारे समाज में पुरुषों के काम को ज्यादा मूल्यवान इसलिए माना जाता है, क्योंकि वे घर से बाहर जाकर काम करते हैं इसके लिए उन्हें पढ़ाई करनी पड़ती है, काम को सीखना पडता है जिसमें पैसा भी खर्च होता है।
पर महिलाएँ घर का काम करती है. इसके लिए उनका ज्यादा पढ़ा-लिखा होना भी जरूरी नहीं होता है। घरेलू कार्यों को सीखने के लिए उन्हें पैसे खर्च नहीं करने पड़ते । इन कामों को करना तो महिलाओं का स्वाभाविक गुण होता है। इसलिए महिलाओं का कार्य मूल्यवान नहीं माना।।पर आज के समय में महिलाएं पुरुषों की तरह पढ़ाई भी करती है, कामों को सीखती भी है और उन्हीं तरह घर से बाहर जाकर काम भी करती है और पैसे भी कमाती है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधा से कंधा मिलाकर कार्य करती है। आज के समय ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहाँ सिर्फ पुरुष ही काम करते हैं, महिलाएँ नहीं।इन सारे कार्यों के साथ-साथ वे घर के कार्यों को भी संभालती है और अपने परिवार को भी। इसलिए मेरे हिसाब से पुरुषों से ज्यादा महिलाओं का कार्य मूल्यवान होता है।