नीचे दिखाए गए परिपथ में धारा का मान क्या है यदि दिखाया गया ऐमीटर,
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  1. $R_G = 60.00 \Omega$ प्रतिरोध का गैल्वेनोमीटर है।
  2. भाग $(i)$ में बताया गया गैल्वेनोमीटर ही है परंतु इसको $r_s = 0.02 \Omega$ का शंट प्रतिरोध लगाकर ऐमीटर में परिवर्तित किया गया है।
  3. शून्य प्रतिरोध का एक आदर्श ऐमीटर है।
उदाहरण - 4.13
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  • 1
    व्योमस्थ खिंचे क्षैतिज बिजली के तार में 90 A विद्युत धारा पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित हो रही है। तार के 1.5 मी. नीचे विद्युत धारा के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण और दिशा क्या है?
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  • 2
    दो चल कुंडली गैल्वेनोमीटर मीटरों $M_1$एवं $M_2$ के विवरण नीचे दिए गए हैं$-$
    $R_1 = 10 \Omega, N_1 = 30,$
    $A_1= 3.6\times 10^{-3}$मी.$^2,B_1 = 0.25\ T$
    $R_2 = 14\Omega, N_2 = 42,$
    $A_2 = 1.8 \Omega\times 10^{-3}$ मी.$^2, B_2 = 0.50\ T$
    $($दोनों मीटरों के लिए स्प्रिंग नियतांक समान हैं$)।$
    1. $M_2$ एवं $M_1$ की धारा$-$सुग्राहिताओ,
    2. $M_2$ एवं $M_1$ की वोल्टता$-$सुग्राहिताओं का अनुपात ज्ञात कीजिए।
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  • 3
    किसी गैल्वेनोमीटर की कुंडली का प्रतिरोध 15 $\Omega $ है। 4 mA की विद्युत धारा प्रवाहित होने पर यह पूर्णस्केल विक्षेप दर्शाता है। आप इस गैल्वेनोमीटर को 0 से 6 A परास वाले ऐमीटर में कैसे रूपांतरित करेंगे?
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  • 4
    एक-दूसरे से 4.0 सेमी. की दूरी पर रखे दो लम्बे, सीधे समान्तर तारों A एवं B से क्रमशः 8.0 A एवं 5.0 A की विद्युत धाराएँ एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही हैं। तार A के 10 सेमी. खंड पर बल का आकलन कीजिए।
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  • 5View Solution
  • 6
    कोई परिनालिका जिसकी लंबाई 0.5 m तथा त्रिज्या 1 cm है, में 500 फेरे इसमें 5 A विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण क्या है?
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  • 7
    1. $30$ फेरों वाली एक वृत्ताकार कुंडली जिसकी त्रिज्या $8.0$ सेमी है और जिसमें $6.0\  A$ विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है, $1.0\ T$ के एकसमान क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र में ऊर्ध्वाधरतः लटकी है। क्षेत्र रेखाएँ कुंडली के अभिलम्ब से $60^\circ$ का कोण बनाती हैं। कुंडली को घूमने से रोकने के लिए जो प्रतिआघूर्ण लगाया जाना चाहिए उसके परिमाण परिकलित कीजिए।
    2. यदि $(i)$ में बतायी गई वृत्ताकार कुंडली को उसी क्षेत्रफल की अनियमित आकृति की समतलीय कुंडली से प्रतिस्थापित कर दिया जाए $($शेष सभी विवरण अपरिवर्तित रहें$)$ तो क्या आपका उत्तर परिवर्तित हो जाएगा$?$
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  • 8
    पास-पास फेरों वाली एक परिनालिका 80 सेमी लम्बी है और इसमें 5 परतें हैं जिनमें से प्रत्येक में 400 फेरे हैं। परिनालिका का व्यास 1.8 सेमी है। यदि इसमें 8.0 A विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है तो परिनालिका के भीतर केन्द्र के पास चुम्बकीय क्षेत्र B के परिमाण परिकलित कीजिए।
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    ऊष्मित कैथोड से उत्सर्जित और $2.0\  kV$ के विभवांतर पर त्वरित एक इलेक्ट्रॉन, $0.15\ T$ के एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। इलेक्ट्रॉन का गमन पथ ज्ञात कीजिए यदि चुम्बकीय क्षेत्र
    1. प्रारंभिक वेग के लम्बवत है
    2. प्रारंभिक वेग की दिशा से $30^\circ$ का कोण बनाता है।
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    I धारावाही, N फेरों और R त्रिज्या वाली वृत्ताकार कुंडली के लिए, इसके अक्ष पर, केन्द्र से x दूरी पर स्थित किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र के लिए निम्न व्यंजक हैं:
    B = $\frac{\mu_{0} I R^{2} N}{2\left(x^{2}+R^{2}\right)^{\frac3 2}}$

    1. स्पष्ट कीजिए, इससे कुंडली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र के लिए सुपरिचित परिणाम कैसे प्राप्त किया जा सकता है।
    2. बराबर त्रिज्या R, एवं फेरों की संख्या N, वाली दो वृत्ताकार कुडलियाँ एक-दूसरे से R दूरी पर एक-दूसरे के समांतर, अक्ष मिला कर रखी गई हैं। दोनों में समान विद्युत धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है। दर्शाइए कि कुंडलियों के अक्ष के लगभग मध्यबिन्दु पर क्षेत्र, एक बहुत छोटी दूरी के लिए जो R से कम है, एकसमान है और इस क्षेत्र का लगभग मान निम्न है:
      B = $0.72 \frac{\mu_{0} N I}{R}$

    [बहुत छोटे से क्षेत्र पर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए बनायी गई ऊपर वर्णित व्यवस्था हेल्महोल्ट्ज कुंडलियों के नाम से जानी जाती है।]

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