I धारावाही, N फेरों और R त्रिज्या वाली वृत्ताकार कुंडली के लिए, इसके अक्ष पर, केन्द्र से x दूरी पर स्थित किसी बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र के लिए निम्न व्यंजक हैं: B = $\frac{\mu_{0} I R^{2} N}{2\left(x^{2}+R^{2}\right)^{\frac3 2}}$
स्पष्ट कीजिए, इससे कुंडली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र के लिए सुपरिचित परिणाम कैसे प्राप्त किया जा सकता है।
बराबर त्रिज्या R, एवं फेरों की संख्या N, वाली दो वृत्ताकार कुडलियाँ एक-दूसरे से R दूरी पर एक-दूसरे के समांतर, अक्ष मिला कर रखी गई हैं। दोनों में समान विद्युत धारा एक ही दिशा में प्रवाहित हो रही है। दर्शाइए कि कुंडलियों के अक्ष के लगभग मध्यबिन्दु पर क्षेत्र, एक बहुत छोटी दूरी के लिए जो R से कम है, एकसमान है और इस क्षेत्र का लगभग मान निम्न है: B = $0.72 \frac{\mu_{0} N I}{R}$
[बहुत छोटे से क्षेत्र पर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए बनायी गई ऊपर वर्णित व्यवस्था हेल्महोल्ट्ज कुंडलियों के नाम से जानी जाती है।]
Exercise - 4.16
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किसी गैल्वेनोमीटर की कुंडली का प्रतिरोध 15 $\Omega $ है। 4 mA की विद्युत धारा प्रवाहित होने पर यह पूर्णस्केल विक्षेप दर्शाता है। आप इस गैल्वेनोमीटर को 0 से 6 A परास वाले ऐमीटर में कैसे रूपांतरित करेंगे?
कोई परिनालिका जिसकी लंबाई 0.5 m तथा त्रिज्या 1 cm है, में 500 फेरे इसमें 5 A विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण क्या है?
पास-पास फेरों वाली एक परिनालिका 80 सेमी लम्बी है और इसमें 5 परतें हैं जिनमें से प्रत्येक में 400 फेरे हैं। परिनालिका का व्यास 1.8 सेमी है। यदि इसमें 8.0 A विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है तो परिनालिका के भीतर केन्द्र के पास चुम्बकीय क्षेत्र B के परिमाण परिकलित कीजिए।
एक वर्गाकार कुंडली जिसकी प्रत्येक भुजा $10$ सेमी है, में $20$ फेरे हैं और उसमें $12 \ A$ विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। कुंडली ऊर्ध्वाधरत : लटकी हुई है और इसके तल पर खींचा गया अभिलम्ब $0.80 \ T$ के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा से $30^\circ$ का एक कोण बनाता है। कुंडली पर लगने वाले बलयुग्म आघूर्ण का परिमाण क्या है?
व्योमस्थ खिंचे क्षैतिज बिजली के तार में 90 A विद्युत धारा पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित हो रही है। तार के 1.5 मी. नीचे विद्युत धारा के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण और दिशा क्या है?
साइक्लोट्रोंन की दोलित्र आवृत्ति $10\ \text{MHz}$ है। प्रोटॉनों को त्वरित करने के लिए प्रचालन चुंबकीय क्षेत्र का मान कितना होना चाहिए। यदि डीज़ की त्रिज्या $60 \ cm$ है तो त्वरक द्वारा उत्पन्न प्रोटॉन पुंज की गतिज ऊर्जा $\text{MeV}$ में परिकलित कीजिए।$(e = 1.60 \times 10^{-19}C, m_p = 1.67 \times 10^{-27} \ kg, 1MeV = 1.6 \times 10^{-13} J)$