(a) अंतःस्रावी ग्रन्थियां तंत्रिकीय प्रक्रियाशीलता को नियमन करती है। क्योंकि अंतःस्रावी ग्रन्थियां एपिनेफ्रीन तथा नारएपीनेफ्रीन का स्रावण करती हैं जो न्यूरोनों की क्रियाशीलता को प्रभावित करते हैं। दूसरी तरफ न्यूरोन, तंत्रिकीय हार्मोनों के स्रावण द्वारा अंतःस्रावी ग्रन्थियों की क्रियाशीलता को निर्यंत्रित करते हैं।