(b) आंस्टिलैगो का जीवन-चक्र अगुणितक प्रकार का होता है। सबसे साधारण तथा सबसे पुरातन जीवन-चक्र है। अन्य प्रकार के जीवन-चक्रों का उद्भव इसी से हुआ है। यह सभी क्लोरोफाइसी में पाया जाता है। इस स्थिति में मुख्य पौर्धा अगुणित इससे जुड़ा हुआ होता है। बीजाणुद्भिद को यह यांत्रिक मजबूती, खनिज लवण, जल इत्यादि प्रदान करता है। बीजाणुद्भिद के एपोफाइसिस की कोशिका में हरितलवक पाया जाता है अतः बीजाणुद्भिद अपना भोजन स्वयं बना लेता है। इसलिए बीजाणुद्भिद आंशिक रूप से युग्मकोद्भिद पर परजीवी होता है।