न्यायपालिका की भूमिका लोकतंत्र की चुनौती है कैसे? इसके सुधार के उपाय क्या हैं?
स्वाध्याय
Download our app for free and get startedPlay store
भारतीय लोकतंत्र प्रतिनिध्यात्मक लोकतंत्र है। इसमें शासन का संचालन जन-प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है। भारतीय लोकतंत्र के तीन अंग हैं-कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका। लोकतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका लोकतंत्र के लिए चुनौती बनती जा रही है। वह अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर कार्यपालिका एवं विधायिका को प्रभावित करती है जिससे संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जब विधायिका कानून पारित करती है तो न्यायपालिका उस कानून को व्यावहारिक-सौर पर उसमें फेर-बदल के लिए विधायिका पर दबाव डालने की कोशिश करती है जिससे टकराव की स्थिति उत्पन्न होती है।

न्यायपालिका को विधायिका द्वारा बनाये गये कानून पर मनन करना चाहिए जिससे तीनों अंग कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका सामंजस्य बनाकर लोकतंत्र को मजबूत कर सकते हैं।
art

Download our app
and get started for free

Experience the future of education. Simply download our apps or reach out to us for more information. Let's shape the future of learning together!No signup needed.*

Similar Questions

  • 1
    लोकतंत्र के विभिन्न पहलुओं पर एक निबंध लिखें।
    View Solution
  • 2
    क्या चुने हुए शासक लोकतंत्र में अपनी मर्जी से सब कुछ कर सकते हैं ?
    View Solution
  • 3
    आतंकवाद लोकतंत्र की चुनौती है। स्पष्ट करें।
    View Solution
  • 4
    लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था की कमजोरियों को दूर करने के उपायों का वर्णन करें।
    View Solution
  • 5
    परिवारवाद और जातिवाद बिहार में किस तरह लोकतंत्र को प्रभावित करता है ?
    View Solution
  • 6
    भारत लोकतंत्र जनता की उन्नति, सुरक्षा और गरिमा के संवर्द्धन में कहाँ तक सहायक है?
    View Solution
  • 7
    बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी लोकतंत्र के विकास में कहाँ तक सहायक है?
    View Solution
  • 8
    लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का वर्णन करें।
    View Solution
  • 9
    वर्तमान भारतीय राजनीति में लोकतंत्र की कौन-कौन-सी चुनौतियाँ हैं ? विवेचना करें।
    View Solution