(d) सागौन एवं चीड़ द्वितीयक वृद्धि के अध्ययन के लिए सबसे उपयुक्त है। द्वितीयक वृद्धि में द्वितीयक ऊतक बनते हैं जिनका निर्माण पार्श्व विभज्योतकों (meristems) से होता है जो कि इन दोनों पौधों में काफी विकसित होते हैं। द्वितीयक वृद्धि द्विबीजपत्री पौधों एवं अनावृतबीजी पौधों में होती है।