पिनेकॉल अपचयन - यह अभिक्रिया मुख्यतः ऐसीटोन के लिए होती है।
ऐसीटोन का अपचयन मैग्नीशियम अमलगम (Mg/Hg) द्वारा बेन्जीन में कराने पर पहले एक संकुल बनता है जिसके जल अपघटन से पिनेकॉल प्राप्त होता है। इसी कारण इसे पिनेकॉल अपचयन कहते हैं। इस अभिक्रिया में ऐसीटोन के दो अणु प्रयुक्त होते हैं, अतः इसे द्विअणुक अपचयन भी कहते हैं।
