प्लांक स्थिरांक का मान $6.63 \times 10^{-34} \mathrm{Js}$ है व प्रकाश की गति $3 \times 10^{17} \mathrm{nm} \mathrm{s}^{-1}$ है। $6 \times 10^{15} \mathrm{~s}^{-1}$ आवृत्ति वाले क्वांटम प्रकाश की तरंगदेर्घ्य नैनोमीटर में निम्न में से कौन-से मान के सबसे अधिक नजदीक होगी?
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हाइड्रोजन परमाणु की $(\mathrm{n}=1)$ बोहर कक्षा की त्रिज्या लगभग $0.530 \mathring A$ है। प्रथम उत्तेजित अवस्था $(\mathrm{n}=2)$ की कक्षा की त्रिज्या $(\mathring A)$ कितनी है?
दो विकिरणों की ऊर्जाएँ $\mathrm{E}_{1}$ तथा $\mathrm{E}_{2}$ क्रमशः $25 \mathrm{eV}$ तथा $50 \mathrm{eV}$ हैं, उनके तरंगदेर्ध्य, अर्थात $\lambda_{1}$ तथा $\lambda_{2}$ के बीच सम्बंध होगा।
इलेक्ट्रॉन की स्थिति का मापन, संवेग में अनिश्चितता से संबंधित है जो कि $1 \times 10^{-18} \mathrm{~g} \mathrm{~cm} \mathrm{~s}^{-1}$ के बराबर है। इलेक्ट्रॉन के वेग में अनिश्चतता है,
(इलेक्ट्रॉन की संहति $\left.=9 \times 10^{-28} \mathrm{~g}\right)$
हाइड्रोजन परमाणु में जब इलेक्ट्रॉन $\mathrm{n}=4$ से $\mathrm{n}=1$ में गिरता है तो निर्गत विकिरण की आवृति होगी :
( दिए गए हाइड्रोजन की आयनन ऊर्जा $=2.18 \times 10^{-18}$ atom $^{-1}$ तथा $\left.\mathrm{h}=6.625 \times 10^{-34} \mathrm{Js}\right)$
45 नैनो मी. के तरंगदैर्ध्य के प्रकाश के लिये ऊर्जा का मान जूल में निकालो : ( प्लांक स्थिरांक, $\mathrm{h}=6.63 \times 10^{-34}$ जूल से; प्रकाश का वेग, $\mathrm{c}=3 \times 10^{8}$ मी से $^{-1}$ )