एक इलेक्ट्रॉन जिसकी गतिज ऊर्जा 120 eV है, उसका
  1. संवेग,
  2. चाल और
  3. डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य क्या है?
Exercise - 11.13
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SELF STUDY
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Similar Questions

  • 1
    किसी जाँच की तरंगदैर्घ्य उसके द्वारा कुछ विस्तार से जाँच की जा सकने वाली संरचना के आकार की लगभग आमाप है। प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों की क्वार्क $($quark$)$ संरचना $10^{-15}$ मीटर या इससे भी कम लम्बाई के लघु पैमाने की है। इस संरचना को सर्वप्रथम $1970$ दशक के प्रारंभ में, एक रेखीय त्वरित्र $($Linear accelerator$)$ से उत्पन्न उच्च ऊर्जा इलेक्ट्रॉनों के किरण$-$पुंजों के उपयोग द्वारा, स्टैनफोर्ड, संयुक्त राज्य अमेरिका में जाँचा गया था। इन इलेक्ट्रॉन किरण$-$पुंजों की ऊर्जा की कोटि का अनुमान लगाइए। $($इलेक्ट्रॉन की विराम द्रव्यमान ऊर्जा $0.511\ MeV$ है।$)$
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  • 2
    56 V विभवांतर के द्वारा त्वरित इलेक्ट्रॉनों का
    1. संवेग, और
    2. डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य परिकलित कीजिए।
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  • 3
    किसी धातु में $\left(27^{\circ} \mathrm{C}\right)$ पर एक इलेक्ट्रॉन का प्रारूपी डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य परिकलित कीजिए और इसकी तुलना धातु में दो इलेक्ट्रॉनों के बीच औसत पृथक्य से कीजिए जो लगभग $2 \times 10^{-10} \mathrm{~m}$ दिया गया है।
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  • 4
    एक 100 W सोडियम बल्ब (लैंप) सभी दिशाओं में एकसमान ऊर्जा विकिरित करता है। लैंप को एक ऐसे बड़े गोले के केंद्र पर रखा गया हैं। जो इस पर आपतित सोडियम के सम्पूर्ण प्रकाश को अवशोषित करता है। सोडियम प्रकाश का तरंगदेर्घ्य 589 nm है।
    1. सोडियम प्रकाश से जुड़े प्रति फोटॉन की ऊर्जा कितनी है?
    2. गोले को किस दर से फोटॉन प्रदान किए जा रहे हैं?
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  • 5
    निम्न धातुओं के कार्य-फलन निम्न प्रकार दिए गए हैं:
    Na: 2.75 eV; K: 2.30 eV; Mo: 4.17 eV; Ni: 5.15 eV। इनमें धातुओं में से कौन प्रकाश सेल से 1 मी. दूर रखे गए He−Cd लेसर से उत्पन्न 3300 $\overset oA$ तरंगदैर्घ्य के विकिरण के लिए प्रकाश-विद्युत उत्सर्जन नहीं देगा? लेसर को सेल के निकट 50 सेमी. दूरी पर रखने पर क्या होगा?
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  • 6
    एक इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में 50 kV वोल्टता के द्वारा त्वरित इलेक्ट्रॉनों का उपयोग किया जाता है। इन इलेक्ट्रॉनों से जुड़े डी ब्रॉग्ली तरंगदेर्घ्य ज्ञात कीजिए। यदि अन्य बातों (जैसे कि संख्यात्मक द्वारक, आदि) को लगभग समान लिया जाए, इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की विभेदन क्षमता की तुलना पीले प्रकाश का प्रयोग करने वाले प्रकाश सूक्ष्मदर्शी से किस प्रकार होती है?
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  • 7
    ऐसा विचार किया गया है कि प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के भीतर क्वार्क पर आंशिक आवेश होते हैं [(+2 / 3) e ;(-1 / 3) e] $\mid$ यह मिलिकन तेल-बूँद प्रयोग में क्यों नहीं प्रकट होते?
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  • 8
    एक पारद लैंप, प्रकाश$-$विद्युत उत्सर्जन की आवृत्ति निर्भरता के अध्ययन के लिए एक सुविधाजनक स्रोत है, क्योंकि यह दृश्य$-$स्पेक्ट्रम के पराबैंगनी $(UV)$ से लाल छोर तक कई वर्ण$-$रेखाएँ उत्सर्जित करता है। रूबीडियम प्रकाश सेल के हमारे प्रयोग में, पारद $($Mercury$)$ स्रोत की निम्न वर्णरेखाओं का प्रयोग किया गया:
    $\lambda_1 = 3650  \mathring A, \lambda_2 = 4047 \mathring A, \lambda_3 = 4358 \mathring A, \lambda_4 = 5461 \mathring A, \lambda_5 = 6907 \mathring A$,
    निरोधी वोल्टताएँ, क्रमशः निम्न मापी गई :
    $V_{01} = 1.28, V, V_{02} = 0.95\  V, V_{03} = 0.74\  V, V_{04} = 0.16\  V, V_{05} = 0 V$
    1. प्लैंक स्थिरांक $h$ का मान ज्ञात कीजिए।
    2. धातु के लिए देहली आवृत्ति तथा कार्य$-$फलन का आकलन कीजिए।
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  • 9
    एक इलेक्ट्रॉन गन जिसका संग्राहक 100 V विभव पर है, एक कम दाब $\left(\sim 10^{-2} \mathrm{~mm} \mathrm{Hg}\right)$ पर हाइड्रोजन से भरे गोलाकार बल्ब में इलेक्ट्रॉन छोड़ती है। एक चुम्बकीय क्षेत्र जिसका मान 2.83$ \times 10^{-4} \mathrm{~T}$ है, इलेक्ट्रॉन के मार्ग को 12.0 सेमी. त्रिज्या के वृत्तीय कक्षा में वक्रित कर देता है। (इस मार्ग को देखा जा सकता है क्योंकि मार्ग में गैस आयतन किरण-पुंज को इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करके और इलेक्ट्रॉन प्रग्रहण के द्वारा प्रकाश उत्सर्जन करके फोकस करते हैं; इस विधि को 'परिष्कृत किरण-पुंज नली' विधि कहते हैं।) आँकड़ों से $\mathrm{e} / \mathrm{m}$ का मान निर्धारित कीजिए।
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  • 10
    यह दर्शाइए कि वैद्युत चुंबकीय विकिरण का तरंगदैर्घ्य इसके क्वांटम (फोटॉन) के तरंगदेर्घ्य के बराबर है।
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