प्रश्न 4.16 वर्णित हेमहोल्टज कुंडलियों का उपयोग करके किसी लघुक्षेत्र में 0.75 T का एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित केया है। इसी क्षेत्र में कोई एकसमान स्तिर वैद्युत क्षेत्र कुंडलियों के उभयनिष्ठ अक्ष के लम्बवत लगाया जाता है। (एक ही प्रकार के) आवेशित कणों का 15 kV विभवांतर पर त्वरित एक संकीर्ण किराण पुंज इस क्षेत्र में दोनों कुंडलियों के अक्ष तथा रिथर वैद्युत क्षेत्र की लम्बवत् दिशा के अनुदिश प्रवेश करता है। यदि यह किरण पुंज $9.0 \times 10^{-5} \mathrm{Vm}^{-1}$, स्थिरवैद्युत क्षेत्र में अविक्षेपित रहता है तो यह अनुमान लगाइए कि किरण पुंज में कौन से कण हैं। यह स्पष्ट कीजिए कि यह उत्तर एकमात्र उत्तर क्यों नहीं है।
Exercise - 4.20
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Similar Questions

  • 1
    $10 \ cm$ त्रिज्या की किसी कुंडली जिसमें पास$-$पास सटे $100$ फेरे हैं, में $3.2\ A$ विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है।
    1. कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र कितना है?
    2. इस कुंडली का चुंबकीय आघूर्ण क्या है?
      यह कुंडली ऊर्ध्वाधर तल में रखी है तथा किसी क्षैतिज अक्ष जो उसके व्यास से संरेखित है, के परित: घूर्णन करने के लिए स्वतंत्र है। एक $2T$ का एकसमान चुंबकीय क्षेत्र क्षैतिज दिशा में है जो इस प्रकार है कि आरंभ में कुंडली का अक्ष चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में है। चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में कुंडली $90^\circ$ के कोण पर घूर्णन कर जाती है।
    3. आरंभिक तथा अंतिम स्थिति में कुंडली पर बल आघूर्ण के परिमाण क्या हैं?
    4. $90^\circ$ पर घूर्णन करने के पश्चात कुंडली द्वारा अर्जित कोणीय चाल कितनी है? कुंठली का जड़त्व आघूर्ण $ 0.1 \ kg\  m^2$ है।
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  • 2
    एक आवेशित कण, एक ऐसे शक्तिशाली असमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है जिसका परिमाण एवं दिशा दोनों एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु पर बदलते जाते हैं, एक जटिल पथ पर चलते हुए इसके बाहर आ जाता है। यदि यह मान लें कि चुम्बकीय क्षेत्र में इसका किसी भी दूसरे कण से कोई संघट्ट नहीं होता तो क्या इसकी अंतिम चाल, प्रारंभिक चाल के बराबर होगी?
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  • 3
    एक वृत्ताकार कुंडली जिसमें $20$ फेरे हैं और जिसकी त्रिज्या $10$ सेमी. है, एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखी है जिसका परिमाण $0.10\  T$ है और जो कुंडली के तल के लम्बवत है। यदि कुंडली में $5.0\  A$ विद्युत धारा प्रवाहित हो रही हो तो,
    1. कुडंली पर लगने वाला कुल बलयुग्म आघूर्ण क्या है$?$
    2. कुंडली पर लगने वाला कुल परिणामी बल क्या है$?$
    3. चुम्बकीय क्षेत्र के कारण कुंडली के प्रत्येक इलेक्ट्रॉन पर लगने वाला कुल औसत बल क्या है$?$
      $($कुंडली $10^{-5} m^2$ अनुप्रस्थ क्षेत्र वाले ताँबे के तार से बनी है, और ताँबे में मुक्त इलेक्ट्रॉन घनत्व $10^{29} m^{-3}$ दिया गया है $)$
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  • 4
    एक परिनालिका जो $60$ सेमी. लम्बी है, जिसकी त्रिज्या $4.0$ सेमी है और जिसमें $300$ फेरों वाली $3$ परतें लपेटी गई हैं। इसके भीतर एक $2.0$ सेमी. लम्बा, $2.5\ g$ द्रव्यमान का तार इसके $($केन्द्र के निकट$)$ अक्ष के लम्बवत् रखा है। तार एवं परिनालिका का अक्ष दोनों क्षैतिज तल में हैं। तार को परिनालिका के समान्तर दो वाही संयोजकों द्वारा एक बाह्य बैटरी से जोड़ा गया है जो इसमें $6.0 A$ विद्युत धारा प्रदान करती है। किस मान की विद्युत धारा $($परिवहन की उचित दिशा के साथ$)$ इस परिनालिका के फेरों में प्रवाहित होने पर तार का भार सँभाल सकेगी$? g = 9.8\  ms^{-2}$
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  • 5
    एक प्रकोप्ठ में $6.5\ G(1G = 10^{−4} T)$ का एकसमान चुंबकीय क्षेत्र बनाए रखा गया है। इस चंबकीय क्षेत्र में एक छलेक्ट्रॉन $4.8 \times 10^{6} \mathrm{~m} \mathrm{~s}^{-1}$ के वेग से क्षेत्र के लंबवत भेजा गया है। न्यास्या कीजिए कि इस इलेक्ट्रॉन का पथ वृत्ताकार क्यों होगा$?$ वृत्ताकार कक्षा की किज्या ज्ञात कीजिए। $(e=1.6 \times 10^{-19} \mathrm{C}, m_{\mu}=9.1 \times 10^{-11} \mathrm{~kg})$
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  • 6
    10 cm त्रिज्या की 100 कसकर लपेटे गए फेरों की किसी ऐसी कुंडली पर विचार कीजिए जिससे 1 A विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण क्या है?
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  • 7
    दो समकेन्द्रिक वृत्ताकार कुंडलियाँ X और Y जिनकी त्रिज्याएँ क्रमश : 16 सेमी. एवं 10 सेमी. हैं, उत्तर-दक्षिण दिशा में समान ऊर्ध्वाधर तल में अवस्थित हैं। कुंडली X में 20 फेरे हैं और इसमें 16 A विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है, कुंडली Y में 25 फेरे हैं और इसमें 18 A विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। पश्चिम की ओर मुख करके खड़ा एक प्रेक्षक देखता है कि X में धारा प्रवाह वामावर्त है जबकि Y में दक्षिणावर्त है। कुंडलियों के केन्द्र पर, उनमें प्रवाहित विद्युत धाराओं के कारण उत्पन्न कुल चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण एवं दिशा ज्ञात कीजिए।
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  • 8
    1.5 T का एक एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र, 10.0 सेमी. त्रिज्या के बेलनाकार क्षेत्र में विद्यमान है। इसकी दिशा अक्ष के समान्तर पूर्व से पश्चिम की ओर है। एक तार जिसमें 7.0 A विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है इस क्षेत्र में होकर उत्तर से दक्षिण की ओर गुजरती है। तार पर लगने वाले बल का परिमाण और दिशा क्या है, यदि
    1. तार अक्ष को काटता हो,
    2. तार N-S दिशा से घुमाकर उत्तर-पूर्व दिशा में कर दिया जाए,
    3. N-S दिशा में रखते हुए ही तार को अक्ष से 6.0 सेमी. नीचे उतार दिया जाए।
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  • 9
    6$ \times 10^{-4} \mathrm{~T}$के चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत 3 $\times 10^{7} $m/s की चाल से गतिमान किसी इलेक्ट्रॉन (द्रव्यमान 9 $\times 10^{-31} \mathrm{~kg}$ तथा आवेश 1.6 $\times 10^{-19} \mathrm{C}$) के पथ की त्रिज्या क्या है? इसकी क्या आवृत्ति होगी? इसकी ऊर्जा KeV में परिकलित कीजिए। $\left(1 \mathrm{eV}=1.6 \times 10^{-19} \mathrm{~J}\right)$
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  • 10
    एक सीधी, क्षैतिज चालक छड़ जिसकी लम्बाई 0.45 मी. एवं द्रव्यमान 60 g है इसके सिरों पर जुड़े दो ऊर्ध्वाधर तारों पर लटकी हुई है। तारों से होकर छड़ में 5.0 A विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है।
    1. चालक के लम्बवत कितना चुम्बकीय क्षेत्र लगाया जाए कि तारों में तनाव शून्य हो जाए।
    2. चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा यथावत रखते हुए यदि विद्युत धारा की दिशा उत्क्रमित कर दी जाए तो तारों में कुल तनाव कितना होगा ? (तारों के द्रव्यमान की उपेक्षा कीजिए)$g=9.8 \mathrm{~ms}^{-2}$l
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