प्रति चुम्बकीय पदार्थों में उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र चलेगा
[2003]
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(b) अधिक से कम की तरफ चलता है।
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दो सर्वसम (समरूप) छड़ चुम्बकों को इस प्रकार स्थिर किया गया है कि उनके केन्द्र $d$ दूरी पर हैं। चित्र में दिखाये गये अनुसार दोनों चुम्बकों के बीच के खाली स्थान के मध्य बिन्दु $O$ से, $D$ दूरी पर, बिन्दु $P$ पर एक आवेश $Q$ रखा है। $Q$ आवेश पर बल है
एक समबाहु त्रिभुज के आकार की कॉयल $($ भुजा $=i )$ को चुम्बक के ध्रुवों के बीच लटकाया गया। चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }$ कायॅल के समतल में है। कायॅल में धारा का मान $i$ हो तो आघूर्ण $(\tau)$ होगा
आरेख में दंड (छड़) चुम्बकों की व्यवस्थाओं के विन्यास दिये गये हैं। प्रत्येक चुम्बक का द्विध्रुव आघूर्ण $m$ है। किस विन्यास में नेट चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण का मान अधिकतम होगा ?
किसी चुम्बकीय क्षेत्र में समान्तर लटकी चुम्बकीय सुई को $60^{\circ}$ घुमाने के लिये $\sqrt{3} J$ कार्य की आवश्यकता होती है तो, इस सुई को उसी स्थिति में बनाये रखने के लिये आवश्यक बल$-$आघूर्ण $($टॉर्क$)$ का मान होगा: