(a) परानुकंपी तन्त्रिकाय संकेत हृदय के कार्य संचालन को हृदय स्पंदन गति दर एवं हृदय निकास (cardiac output) को कम करके करते हैं। अनुकंपी एवं परानुंकपी तन्त्रिका तन्त्र प्रतिरोधी प्रभाव डालते हैं। अनुकम्पी तंत्र, आपातकाल में रक्षात्मक उद्दीपनों द्वारा शरीर की क्रियाओं का नियमन करते हैं जबकि परानुकम्पी तन्त्रिका तन्त्र, आपात समय एवं सामान्यवस्था में अतरंगों की क्रियाओं की गति को सामान्य बनाए रखते है।