हम कभी-कभी अनजाने में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं और कभी-कभी हम जान-बूझ कर भी पर्यावरण को नुकसान पहुंचा देते हैं । हम कभी गन्दी बाल्टी को कुएँ में डाल देते हैं । गाँव या शहर की नालियों को । नदी में मिला देते हैं। इससे नदी जल गंदा हो जाता है। गन्दे कएँ और गन्दी नदी का पानी पी कर हम स्वयं बीमार हो जाते हैं । विभिन्न कारगुजारियों से हम वायु को दूषित कर देते हैं और हम ही उस वायु में सांस लेते हैं और बीमार पड़ जाते हैं । इस प्रकार हम देखते हैं कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचा कर हम अपना ही जीवन संकट में डाल लेते हैं।