हमारे यहाँ विभिन्न प्रकार के संस्कार हैं जैसे-मंडन संस्कार, . यज्ञोपवित संस्कार, विवाह-संस्कार, कथा-पूजा, शादी-विवाह के मौके पर गाये जाने वाले भजन, गीत, किसी के आगमन पर किया जाने वाला अभिवादन और उसका तरीका आदि. पर्व-त्योहार, तीर्थ भ्रमण, मेला-हाट आदि सांस्कृतिक , पर्यावरण के तहत आते हैं। वृक्ष-पूजा, कुआँ पूजा, गंगा पूजन, सूर्य को जल अर्पण आदि सांस्कृतिक पर्यावरण में ही आते हैं । जिन प्राकृतिक साधनों से हमें लाभ पहुँचता है उन सभी को आदर देने के लिये हमारे पूर्वजों ने किसी-न-किसी रूप में उन्हें पूजना आरम्भ कर दिया ।