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मुक्त आकाश में किसी विद्युत चुम्बकीय तरंग का विद्युत क्षेत्र
$\vec{E}=10 \cos \left(10^7 t+k x\right) \hat{j} V / m$ से निरूपित (प्रकट)
किया जाता है। जहाँ $t$ सेकेण्ड में और $x$ मीटर में है। इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि
(1) तरंगदैर्ध्य $\lambda=188.4 m$
(2) तरंग संख्या $k=0.33 rad / m$
(3) तरंग-आयाम $=10 V / m$
(4) तरंग $+x$ दिशा की ओर गमन कर रही है।
निम्नलिखित प्रकथनों के युग्मों में से कौन सा ठीक है?
निर्वात में किसी विद्युत चुम्बकीय तरंग से संबद्ध वैद्युत क्षेत्र को $\vec{E}=\hat{i} 40 \cos \left(k z-6 \times 10^8 t\right)$, द्वारा व्यक्त किया जाता है। जहाँ $E, z$ तथा $t$ क्रमशः वोल्ट / मीटर, मीटर तथा सेकण्ड $(s)$ में है तो, तरंग सदिश $(k)$ का मान है :
एक माध्यम में विद्युत चुम्बकीय तरंग का वैद्युत क्षेत्री भाग निम्न प्रकार सूचित है $E _{ x }=0$;
$ E _{ y }=2.5 \frac{ N }{ C } \cos \left[\left(2 \pi \times 10^6 \frac{ rad }{ m }\right) t -\left(\pi \times 10^{-2} \frac{ rad }{ s }\right) x \right]$
$E _{ z }=0 $,यह तरंग
$25 \times 10^4$ वाट/मी ${ }^2$ ऊर्जा फ्लक्स का प्रकाश, किसी पूर्णतः परावर्तक पृष्ठ $($ सतह $)$ पर लम्बवत् आपतित होता है। यदि इस पृष्ठ का क्षेत्रफल 15 सेमी $^2$ हो तो, पृष्ठ पर आरोपित औसत बल होगा