भारतीय स्वाधीनता संघर्ष में भारतीय साहित्य ने महत्वपूर्ण , भूमिका निभाई है। उन्नीसवीं सदी के अंतिम दशक में जब राष्ट्रवादी विचार उभार लेने लगा देश में तब, विभिन्न भाषाओं के साहित्यकारों ने साहित्य को देश-भक्तिपूर्ण उद्देश्यों के लिए प्रयोग में लाने लगे। साहित्य में देश की गुलामी को दूर करने, पराधीनता के बोध को फेंक डालने और स्वतंत्रता की जरूरत को स्पष्ट अभिव्यक्ति मिलने लगी। साथ ही, साहित्य ने देश की आजादी के लिए जनसाधारण को हर प्रकार से बलिदान करने के लिए उत्प्रेरित किया।