श्यामा के परिवार की सोच का श्यामा के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता हैं?
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श्यामा के परिवार की सोच की लडकियाँ तो बडी होकर चल्हा ही फूंकेंगी। इससे श्यामा की जिंदगी बिल्कुल घर में कैद हो गयी है। उसे पढ़ाई नहीं करने दिया जाने से वह कभी अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पाएगी और जिंदगी को अपने ढंग से नहीं जी पाएगी। उसे हमेशा दूसरों पर आश्रित रहना पड़ेगा। वह कभी बाहर की दुनिया को नहीं देख पाएगी, कभी आत्मनिर्भर नहीं हो पाएगी। उसकी जिंदगी घर के अंदर चहारदीवारी में ही बंद होकर रह जाएगी।
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    1. मेहमान के लिए एक गिलास पानी लाना ।
    2. माँ के बीमर होने पर डॉक्टर को बुलाना।
    3. घर के खिड़की दरवाजे की सफाई करना।
    4. पिताजी की मोटर साइकिल साफ करने में मदद करना।
    5. बाजार से चीनी खरीदना।
    6. किसी आगंतुक के आने पर दरवाजा खोलना।
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